फीस के लिए निजी स्कूल अभिभावकों पर दबाव नही बना सकते: हाईकोर्ट
हल्द्वानी/ नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कहा है कि शिक्षा सचिव के 22 जून 2020 के आदेशानुसार स्कूल जबरन फीस वसूली का दबाव नहीं बनाएंगे। वह सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ट्यूशन फीस ले सकते हैं। कोर्ट ने अभिभावकों की शिकायतों के निस्तारण के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश देकर याचिका निस्तारित कर दी। देहरादून निवासी जीपेन्द्र सिंह ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका में कहा था कि उत्तराखंड के निजी स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर जबरन फीस मांग रहे हैं। इसके लिए मोबाइल पर जबरन ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई जा रही है। इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। छोटी कक्षाओं के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई समझ में न आने के साथ कई जगह इंटरनेट व्यवस्था भी नहीं है। कई अभिभावकों के पास मोबाइल और दूसरे गैजेट भी नहीं हैं। इससे कई बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं, लिहाजा ऑनलाइन पढ़ाई की जगह दूरदर्शन के जरिए पढ़ाई कराई जाए।