कोरोनिल लांच मामले में हाईकोर्ट ने विपक्षगणों से जवाब मांगा 
हल्द्वानी/नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की ओर से कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल लांच किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए विपक्षगणों से जवाब पेश करने को कहा है। जबकि अगली सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तिथि नीयत की गई है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि कुमार की ओर से प्रकरण में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकर्ता ने कहा बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार में कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिए पतंजलि योगपीठ के दिव्य फार्मेसी कंपनी द्वारा निर्मित कोरोनिल दवा लांच की। इसमें रामदेव की दवा कंपनी ने आईसीएमआर की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया। साथ ही आयुष मंत्रालय भारत सरकार की अनुमति भी नहीं ली। यही नहीं आयुष विभाग उत्तराखंड से कोरोना की दवा बनाने के लिए आवेदन भी नहीं किया। जो आवेदन किया गया था, उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए जाने का जिक्र है। जिसकी आढ़ में कोरोनिल दवा का निर्माण किया गया। कंपनी ने निम्स विवि राजस्थान से दवा का परीक्षण किए जाने का दावा किया, लेकिन निम्स ने ऐसी किसी भी दवा का क्लिनिकल परीक्षण नहीं किए जाने की बात कही। याचिकाकर्ता ने कहा जिस दवा का भ्रामक प्रचार-प्रसार किया गया, वह आईसीएमआर से प्रमाणित नहीं है, और न ही इसको लेकर कोई लाइसेंस जारी किया गया है। ऐसे में उक्त दवा पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। जबकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत भ्रामक प्रचार के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए।