कोरोना योद्धा जली रोटी, मोटे चावल खाने को मजबूर

हल्द्वानी। मेडिकल कालेज हल्द्वानी ओर डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल में कोविड पॉजिटिव मरीजो का इलाज कर रहे कोरोना योद्धाओं को दो वक्त की रोटी भी ठीक से नसीब नही हो रही है। सोशल मीडिया में वायरल एक तस्वीर इन दिनों सुर्खियां बनी हुई है। ये कोई मामूली तस्वीर नहीं है, यह पोस्ट बया कर रही है कि ड्यूटी से आने के बाद इन कोरोना योद्धाओ को खाने में जली हुई रोटी, आलू की सब्जी और मोटा चावल परोसा जा रहा है। जबकि मेडिकल कालेज हल्द्वानी ओर डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती मरीज और सरकारी क्वारंटीन सेंटर में लोगों को शानदार खाना  मुहैया कराया जा रहा है। सवाल ये है कि जब क्वारंटीन लोगों और मरीजों को अच्छा खाना दिया जा सकता है, तो कोरोना योद्धाओं को अच्छा खाना क्यों नहीं। सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि अस्पताल में चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वाय, वार्ड आया और पर्यावरण मित्रा तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में अपना योगदान दे रहे हैं। सभी लोग रोजाना वार्ड में ड्यूटी करने के बाद होटल में क्वारंटीन हो जाते हैं। इन्हें मेडिकल कॉलेज की ओर से खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि पता नहीं किस कैंटीन वाले को खाना बनाने का ठेका दिया है। सुबह, दोपहर और शाम को आलू और कच्चे पराठे खिला-खिलाकर कोरोना में ड्यूटी करने वालों का पेट खराब कर दिया है। कैंटीन वाले के पास आलू और कंट्रोल के चावल के अलावा कुछ नहीं है क्या? जब देखो तब तीनों टाइम भोजन में टाइम आलू ही परोस रहे है। इधर बड़ी बात यह है कि जब एसटीएच में भर्ती मरीजों को खाने में अंडा, पीने के पानी मे मिनरल वाटर की बोतल के साथ ही स्वादिष्ट खाना परोसा जा रहा है तो फिर कोरोना योद्धाओ को क्यो इससे वंचित रखा जा रहा है। इधर एसटीएच के प्राचार्य डॉ सीपी भैसौड़ा कहते है कि सभी को बेहतर खाना दिया जा रहा है, बकायदा खाने कु प्रतिदिन जांच की जाती है। यदि कोई शिकायत है तो मामले की जांच कराई जाएगी, इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।