हल्द्वानी/नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने गुरुवार को श्रीनगर के सुमाड़ी एनआईटी कैंपस को शिफ्ट करने के मामले में सुनवाई की। इसमें राज्य सरकार और सुमाड़ी के ग्रामीणों ने पक्ष रखा। दोनों ने कहा कि सुमाड़ी एनआईटी संस्थान के लिए उपयुक्त स्थान है। न्यायालय की खंडपीठ ने कल शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रखने को कहा है। इसमें केंद्र सरकार अपना पक्ष रखेगी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और रमेश चंद खुल्बे की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उसके द्वारा कई बार उस भूमि की भूगर्भीय जांच भी की जा चुकी है। राज्य सरकार की ओर से वहां करोड़ों की धनराशि खर्च कर भवनों का निर्माण भी किया जा चुका है। इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से उसे शिफ्ट करने की कवायद की जा रही है। संस्थान में कार्य कर रहे कर्मचारियों की रोजी-रोटी एवं भविष्य भी इससे जुड़ा है, इसिलए संस्थान को शिफ्ट नहीं किया जाए। एनआईटी श्रीनगर (पौड़ी) के पूर्व छात्र जसवीर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि संस्थान बने नौ साल हो गए, लेकिन इसे स्थायी कैंपस का दर्जा नहीं मिल सका है। छात्र लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं, मगर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। वर्तमान में विद्यार्थी जिस जगह हैं, वह भवन पूरी तरह जर्जर है। कभी भी हादसा हो सकता है।
बोले ग्रामीण: सुमाड़ी एनआईटी के लिए उपयुक्त