आशाओं को काम पर बहाल किया जाना सबसे बड़ी जीत
हल्द्वानी। जिला चम्पावत के सीएमओ द्वारा आशाओं को वापस काम पर लिया जाना आशाओं के आंदोलन की बड़ी जीत है, यह बात ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ. कैलाश पांडेय ने कही। जून के अंतिम हफ्ते में चम्पावत की 264 आशाओं को अपने काम का दाम मांगने के कारण निकाल दिया गया था। इसके पश्चात आशाओं ने राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ दिया था। यहां जारी बयान में डॉ. कैलाश पांडेय ने कहा कि आशाओं के राज्यव्यापी आंदोलन के दबाव में मंगलवार को चम्पावत की आशाओं को काम पर बहाल करने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना योद्धा आशाओं को दस हजार रुपये लॉकडाउन भत्ता देने की तत्काल घोषणा करनी चाहिए और बिना वेतन के काम कर रही आशाओं को मासिक वेतन देने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि आशाओं को जब तक मासिक वेतन नहीं मिलता, तब तक अन्य स्कीम वर्करों की भांति उनको भी मासिक मानदेय दिया जाय। उन्होंने चेतावनी दी कि लॉकडाउन भत्ता दस हजार रुपये पंद्रह दिन के भीतर आशाओं के खातों में डाला जाए, अन्यथा आशाओं को आंदोलन करना पड़ेगा।