नहीं खिला इस साल नौकुचियाताल झील में कमल


हल्द्वानी/भीमताल। पर्यटन प्रदेश में शुमार कमल नयन नौकुचियाताल कमल झील के अस्तित्व में इस वर्ष खतरा मडराया है। इस साल झील में कमल  नहीं खिले जिससे पर्यटन व्यवसायीं चिंतित है वही स्थानीय लोग हैरान भी हुए है। समाज सेवी बृजवासी ने पूर्ण बहुमत की सरकार के समाधान पोर्टल पर कमल बचाने की गुहार लगाई है। उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश के कुमाऊं की वादियों में पर्यटन स्थलों पर सुप्रसिद्ध नौकुचियाताल कमल झील  पिछले कुछ सालों से विभागीय अनदेखी का शिकार हो रही है जबकि कई बार स्थानीय पर्यटन कारोबारियों एवं लोगों ने कमल झील के सौंदर्य व कमल फूल के अस्तित्व को बचाने की माँग की है। जिसके चलते इस वर्ष जून माह में अब तक कमल नहीं खिल पाया। पूरी झील विरान पड़ी हुई है। नगर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी बताते हैं कि पौराणिक कमल झील के अस्तित्व को बचाने के लिए गत वर्ष मुख्यमंत्री सचिव/कुमाऊं आयुक्त राजीव रौतेला को तथ्यों के आधार पर ज्ञापन देकर तालाब की दशा सुधारने की माँग उनके द्वारा रखी थी। जिस पर पूर्व कुमाऊं आयुक्त ने प्रमुखता से संज्ञान लेकर जिला पर्यटन अधिकारी को समाधान हेतु प्रेषित की थी। उसके उपरांत पर्यटन विभाग ने पत्र से अवगत कराया था कि 2019-20 की योजना में बजट स्वीकृत होने पर झील पर कार्य किया जाएगा, लेकिन कार्य नहीं हुआ। जिसका परिणाम ये है कि इस वर्ष इतनी बड़ी झील में खिला कमल फूल देखने तक को अभी तक नहीं मिला, साथ ही बृजवासी ने बताया कि कई बार उनके द्वारा सिंचाई विभाग, मुख्य विकास अधिकारी, जिलाधिकारी व क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के सामने लिखित तौर पर नौकुचियाताल कमल झील को बचाने की माँग रखी गयी थी, लेकिन समस्या हल नहीं हुई। जिसके चलते उन्होंने कमल ताल की दुर्दशा को देख आज सरकार के समाधान पोर्टल में कमल झील के अस्तित्व को बचाने की माँग की और साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने अपनी शिकायत में कहाँ है कि नौकुचियाताल कमल झील देश दुनिया के प्रकृती प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती है हर वर्ष जून माह में लाखों पर्यटक झील का दीदार करने पहुंचते हैं और अपने कैमरों में कैद कमल झील को याद की तौर पर ले जाते हैं, पर्यटन कारोबारियों व स्थानीय लोगों की शान उत्तराखंड कमल नयन नौकुचियाताल कमल ताल के कमल फूल को बचाने एवं झील के उचित सौंदर्यकरण की उनके द्वारा शीघ्र माँग की गयी है।