मिड-डे मील पर सरकार से जवाब तलब
नैनीताल। उत्तराखंड के 17 हजार से अधिक स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को लॉक डाउन व गर्मियों की छुट्टी के दौरान  मिड डे मील का कच्चा राशन व खाना पकाने की लागत, का भुगतान किए जाने, के मामले को लेकर  उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर आज सोमवार को सुनवाई हुई।

माननीय उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को 2 दिन के भीतर न्यायालय में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अब इस मामले  पर 24 जून को पुनः सुनवाई होगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा 20 मार्च  व 28 अप्रैल को देश के सभी राज्यों को शासनादेश जारी कर कहा गया था कि लॉकडाउन व  ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान कक्षा एक से आठ तक के सभी बच्चों को मध्यान्ह भोजन अथवा कच्चा राशन तथा खाना पकाने की लागत का भुगतान किया जाय। लेकिन उत्तराखंड के ज्यादातर स्कूलों में इस शासनादेश को  ठीक ढंग से लागू करने की जगह मनमाने तरीके से किया गया। याचिकर्ता का आरोप है कि बच्चों को नियमानुसार राशन के मुकाबले कम राशन वितरित किए जाने के मामले सामने आए हैं। तथा खाना बनाने की लागत के मूल्य का भुगतान में भी मनमानी की गयी है। इस संबंध में कई दर्जन शिकायतें समाजवादी लोक मंच को बच्चों एवं उनके अभिभावकों द्वारा लिखित रूप में प्राप्त हुई है। खाना पकाने की लागत का मूल्य  उत्तराखंड में कई स्थानों पर बैंक खातों में ट्रांसफर करने की जगह नकद भुगतान व कम भुगतान करने के मनमाने तरीके अपनाए गए हैं। कई स्थानों पर तो बच्चों को न तो राशन मिला है, और न ही उन्हें खाना पकाने के लागत के मूल्य का भुगतान किया गया है।

केंद्र सरकार ने सरकारी स्कूलों व सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए 4.97 रुपये खाना पकाने की लागत का मूल्य तथा 100 ग्राम अनाज प्रतिदिन व कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए 7.45 रूपये  प्रतिदिन तथा 150 ग्राम राशन देने का  आदेश पारित किया है।

उक्त आदेश 20 मार्च से 30 जून तक के लिए जारी किया गया है। उत्तराखंड में सात लाख से अधिक बच्चे मिड डे मील योजना के दायरे में आते हैं। नैनीताल हाईकोर्ट में मामले की पैरवी दिल्ली हाईकोर्ट के वकील कमलेश कुमार द्वारा की जा रही है। जबकि ये जनहित याचिका समाजवादी लोक मंच के मदन सिंह मेहता व हल्द्वानी के पत्रकार संजय रावत द्वारा दायर की गई है।