हल्द्वानी/नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नंधौर वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन की ढाई किलोमीटर परिधि में संचालित लक्ष्मी स्टोन क्रशर और आरजे एसोसिएट के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन, आरसी खुल्बे की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए अगली तिथि 6 जुलाई तय की है। उमेदपुर चोरगलिया निवासी कमला पोखरिया की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि नैनीताल डीएम ने हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों के इतर दोनों क्रशरों को इको सेंसेटिव जोन में खनन और भंडारण की अनुमति दी है। जबकि हाईकोर्ट ने 3 जून 2018 को जारी आदेश में राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण की परिधि में आने वाले और 10 किमी परिधि में किसी भी तरफ का खनन और भंडारण न करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के अनुपालन में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने 4 जनवरी 2019 को आदेश पारित किया है। इसमें भी इको सेंसेटिव जोन में खनन-भंडारण पर पाबंदी लगाई गई है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से डीएम के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। दोनों स्टोन क्रशरों को बंद किया जाय। याची का कहना है कि इससे वन्य जीवों के साथ क्षेत्र में रह रहे लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव है।
हाईकोर्ट ने नंधोर स्थित दो स्टोन क्रशर मामले में नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को पक्षकार बनाने के दिए निर्देश