इस दौरान कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नगर निगम घोटालों का अड्डा बन चुका है, दुकानों के नामांतरण के नाम पर नगर निगम में करोड़ों का स्टाम्प घोटाला हुआ है। इतना ही नही निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बीच 60 लाख की लागत से किये गए सैनिटाइजेशन कार्य पर भी सवाल उठाये गए। वक्ताओं ने कहा कि सैनिटाइजेशन के नाम पर सिर्फ पानी सड़को मे बहाया गया तथा सोशल डिस्टनसिंग के नाम पर एक लाख से ज्यादा लागत से बने गोले भी हवा में बना दिये गए। वक्ताओं ने इन सभी कार्यो की न्यायायिक जाँच की मांग की।
धरना स्थल में सुमित हृदयेश, सतीश नैनवाल, राहुल छिमवाल, दान सिंह भंडारी, मंजू तिवारी, महेश शर्मा, गोविंद बिष्ट (अधिवक्ता), भोला भट्ट, पार्षद दीपा बिष्ट, राजेन्द्र जीना, विनोद दानी, नीमा भट्ट, महेश चंद्र, गुफरान, मुकुल बलुटिया, नवीन पांडे, ध्रुव कश्यप, डेविड, तौफीक अहमद, शकील सलमानी, जाकिर हुसैन, हेमन्त साहू, हिमांशु जोशी, दीप पाठक, सतनाम सिंह, नेत्र बल्लभ जोशी, गोविंद बगडवाल, राजीव जायसवाल, त्रिलोक बनोली, प्रकाश पांडे, पुष्कर बिष्ट, रमेश नगरकोटी, गजेंद्र गोनिया, गणेश उपाध्याय, नरेश अग्रवाल, संजय बिष्ट, संजू पाना, अब्दुल राजिक, सुहैल सिद्दीकी, संदीप राणा आदि लोग उपस्थित रहें।