हल्द्वानी (गिरीश चन्दोला) । वर्ष 2020 की सबसे बड़ी खगोलिय घटना इसी माह 21 जून को सूर्यग्रहण का अद्भूत नजारा लोगों को देखने को मिलेगा। इस दौरान जहां सूर्य छल्लेदार नजर आएगा वही यह महाभारत कालीनसमय के बाद की सबसे बड़ी खगोलीय घटना होगी। वही 21 जुलाई 2009 के बाद सबसे अधिक समय और अब तक का सबसे बड़ा ग्रहण देखने को मिलेगा। गृहण के दौरान सूर्य का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा चन्द्रमा द्वारा ढ़क लिया जाएगा। आशिंक सूर्यग्रहण रविवार को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस छल्लेदार सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खगोल शास्त्री इंतजार कर रहे है। वर्ष 2009 के बाद इस तरह की खगोलीय घटना सामने नहीं आई है। कई दशक बाद ऐसा संयोग बन रहा है। जब एक साथ 6 गृह सूर्य ग्रहण पर वक्री होगें। वक्री होने से इन ग्रहों की चाल उल्टी पड़ जाएगा इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य नवीन चन्द्र जोशी का कहना है कि सितम्बर माह में केतू के राशि परिवर्तन और गुरू के साथ शनि के मार्गिय होने से हालात सामान्य हो जाएगे। सितम्बर के अन्तिम सप्ताह से देश में हालात पूरी तरह से अनुकूल हो जाएगा और लोग हर तरह के संक्रमण से मुक्ति पा जाएगे। उनका कहना है कि 21 जून को मिथुन राशि में लगने वाला सूर्य ग्रहण शुभ नहीं है, क्योंकि कई ग्रहों की चाल इस दौरान उल्टी रहेगी। सूर्य ग्रहण पर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा जप से राहत मिल सकती है। सम्बन्धित ग्रहों के मत्रों का जाप संकट से मुक्ति दिलाएगा।
21 जून को छल्लेदार दिखेगा सूर्य