हल्द्वानी/भीमताल। 80 के दशक में पंडित नारायण दत्त तिवारी के प्रयासों से भीमताल विधानसभा व उसके आसपास के क्षेत्रों के पलायन को रोकने एवं लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के द्वारा भीमताल औद्योगिक घाटी सिडकुल की नींव रखी गयी थी। इसके अंतर्गत भीमताल, ओखलकाण्डा, रामगढ, धारी सहित दर्जनों क्षेत्रों स्थानीय बेरोजगारो को रोजगार देने के लिए सिडकुल का निर्माण किया गया था। औद्योगिक घाटी का दर्जा मिलते ही कई जानी मानी कंपनिया यहाँ स्थापित की गई। और हजारों परिवारों के लिए रोजगार के द्वार खुले। भीमताल निवासी सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी उस दौर को याद करते हुए बताते हैं कि सन् 2000 तक एक के बाद एक कंपनिया ने भारत सरकार से उद्योग स्थापित करने को मिले पैकेज समेटकर यहां से चलते बने। उत्तराखंड राज्य का गठन होते ही सिडकुल विरान घाटी में
तब्दील हो गया। अब आलम यह है कि सिडकुल की कई एकड़ भूमि घनी झाड़ियों से ढक गयी है और पूर्व की मानी जानी कंपनीयों की बिल्डिंग खण्डर में तब्दील हो गए है। श्री बृजवासी बताते हैं कि इन 20 सालों में भीमताल विधानसभा व
उसके आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को भीमताल सिडकुल छोड़कर अन्य राज्यों में व तराई के सिडकुल में रोजगार के लिए धक्के खाने पर मजबूर होना पड़ा, ऐसा नहीं है कि भीमताल सिडकुल खुलवाने के लिए लोगों ने कोशिश न कि "उत्तराखंड राज्य निर्माण होने के उपरांत" भीमताल विधानसभा के न जाने कितने प्रतिनिधियों, समाज सेवीयों व बेरोजगार युवाओं ने कितनी बार सरकार से माँग की लेकिन 'सरकार किसी की भी रही हो' अब तक भीमताल सिडकुल को अनदेखा ही किया गया, समाज सेवी पूरन बृजवासी ने कहां आज तक सरकार जिस पलायन को रोकने के लिए बड़ी-बड़ी बाते करती है आज कोरोना काल ने लगभग 80 प्रतिशत पलायन करे लोगों ने खुद घर वापसी कर ली है, अब ऐसे समय में राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अरबों रुपये के निवेश से स्थापित भीमताल औद्योगिक घाटी में 'कुशल व अर्ध्दकुशल' दोनों के लिए रोजगार के द्वार खोले, साथ ही बृजवासी ने बताया कि आज कई स्थानीय डिग्री धारी युवा अपना खुद का रोजगार खोलने के लिए भीमताल सिडकुल घाटी में प्लाटों की माँग कर रहे हैं ताकि खुद व स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ सके उनके लिए
शासन-प्रशासन को शीघ्र जमीन देनी चाहिए ताकि फिर से भीमताल औद्योगिक घाटी के अच्छे दिन आ सके और भीमताल के आस-पास के कई हजारों परिवारों को अपने ही घर समीप रोजगार भी मिल सके, समाज सेवी बृजवासी ने बताया कि वे स्वयं भीमताल सिडकुल में औद्योगिक इकाइयों को खुलवाने के लिए कई बार शासन-प्रशासन के कई मुख्य प्रतिनिधियों से माँग कर चुके हैं लेकिन इस ओर अब तक विशेष रुचि नहीं ली गई लेकिन अब सरकार को लेनी होगी ताकि घर वापसी करे लोगों व अन्य स्थानीय बेरोजगारों को फिर से पलायन न करना पड़े, बृजवासी ने पुनः राज्य सरकार से भीमताल में रोजगार के द्वार खोलने के लिए भीमताल सिडकुल में लगे पिछले 20 सालों के "लॉक डाउन" को खोलने की माँग की है l
भीमताल सिडकुल के "लॉक डाउन" खोलने का ये है सही समय