ब्यूरो
हल्द्वानी। आखिर थरेजा साहब के अवैध विकास पर अफसरान की नजर पड़ ही गयी। अब साहब को प्राधिकरण की अदालत में जवाब देना पड़ेगा कि कैसे उन्होंने नियमों को दरकिनार कर वैध बुनियाद पर अवैध इमारत खड़ी कर दी। प्राधिकरण ने थरेजा जी को दस्तावेजों के संग तलब किया है। हालांकि बीच बाजार नियमों की धज्जियां उड़ाने पर क्या कार्यवाही होगी यह अभी भविष्य के गर्त में है।
उत्तराखण्ड जनादेश ने पिछले अंक में पड़ताल करते हुए इस पूरे मामले का खुलासा किया था। थरेजा साहब ने श्री राम मन्दिर ट्रस्ट की जमीन पर बगैर नक्शा पास कराये इमारत खड़ी कर दी। रसूख और सम्पर्क की वजह से जिम्मेदारों ने भी इस इमारत से मुंह फेर लिया था। लेकिन 'उत्तराखण्ड जनादेश' द्वारा मामले को प्रमुखता से उठाने पर अफसरों को उनका कर्तव्य याद आ ही गया। अधिकारियों के मुताबिक भवन स्वामी को नगर एवं ग्राम नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के अन्तर्गत नोटिस भेजा गया था। हालांकि थरेजा साहब वहां पहुचे नहीं। अब मामले की सुनवाई जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण में होगी।
बता दे कि कारखाना बाजार में श्री राम मन्दिर की ट्रस्ट की तीन मंजिली सम्पति ;इमारतद्ध को वर्षो पहले आशा राम मोहन सिंह को किराए पर दिया गया था। किराया समय पर ना चुकाने के चलते उनसे वह इमारत ट्रस्ट ने खाली करा ली। उक्त भवन को व्यापारी संजय थरेजा ने अपनी पत्नी उषा थरेजा के नाम पर ट्रस्ट से किराये पर ले लिया। इसके बाद शुरू हुआ उक्त सम्पति को खुर्द-बुर्द करने का खेल। हालांकि ट्रस्ट के सचिव अमर नाथ जोशी ने साफ - साफ कहा है कि वो इमारत तीन मंजिला है और तीन मंजिला ही रहेगा। जिसके हर माले का किराया 500 रूपये प्रतिमाह होगा। लेकिन थरेजा साहब ने ट्रस्ट को दरकिनार तो किया ही साथ में विकास प्राधिकरण को भी लल्लू समझ बिना परमिशन लिए चैथी मंजिल भी तैयार कर डाली। अब उक्त मामला जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल की अदालत में जा पहंुचा है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो इस मामले में थरेजा साहब को बड़ी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। ये कार्यवाही मशलन निर्माण की लागत से सैकडो गुना हो सकती है, लेकिन यह भी थरेजा साहब की पहुंच के चलते अधिकारियों के विवेक पर निर्भर होगा।